Saturday 28 February 2009

दो साये

अब ना वो मैं हूँ ना तू है ना वो माज़ी है “फ़राज़”
जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें ...

Sunday 15 February 2009

सिर्फ मेरे

तुम बहुत साल रह लिए अपने
अब मेरे, सिर्फ मेरे हो के रहो ...

Saturday 14 February 2009

हम ना होंगे

मोहब्बत करने वाले कम ना होंगे
तेरी महफिल में लेकिन हम ना होंगे ...

Wednesday 11 February 2009

ख़्वाब-ए-सेहर

दुनिया की किसी छाँव से धुँधला नहीं सकता
आँखों में लिए फिरते हैं जो ख़्वाब-ए-सेहर हम ...

Sunday 8 February 2009

याद

तेरी तू जाने, पर ऐ जान-ए-तमन्ना हम तो
साँस के साथ तुझे याद किया करते हैं ...

Thursday 5 February 2009

फ़साना

ऐ दोस्त झूठ आम था दुनिया में इस क़दर
तू ने भी सच कहा तो फ़साना लगा मुझे ...

Wednesday 4 February 2009

सिलवटें

सिलवटें हैं मेरे चेहरे पे तो हैरत क्यूँ है
के ज़िन्दगी ने मुझे तुमसे कुछ ज्यादा पहना ...

Monday 2 February 2009

ताक़त-ए-परवाज़

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त--परवाज़ मगर रखती है ...