Friday 3 June 2011

राहत

आज दिल खोल के रोये हैं तो यूँ खुश हैं फ़राज़,
चंद लम्हों की ये राहत भी बड़ी हो जैसे...

Wednesday 26 May 2010

तेरे आस पास रहे

खुश रहे या उदास रहे
ज़िंदगी तेरे आस-पास रहे

वह नहीं है तो उसकी आस रहे
एक जाये, तो एक पास रहे

जब भी कसने लगा उतार दिया
इस बदन पर कई लिबास रहे

घुल गए अपनी बदनसीबी में
जो सितारे हमारे पास रहे

आज हम सब के साथ खूब हँसे
और फिर देर तक उदास रहे


Tuesday 13 October 2009

अजीब किस्सा

दिल और की तलब में, क़दम और की तरफ़
अपनी मुहब्बतों का भी किस्सा अजीब था…

Wednesday 11 March 2009

गुनहगार

ज़िंदगी क्या है, गुनाह-ए-आदम
ज़िंदगी है तो गुनहगार हूँ मैं ...

Tuesday 10 March 2009

यूँ भी नहीं

'फ़राज़' अब कोई सौदा कोई जुनून भी नहीं
मगर क़रार से दिन कट रहे हों यूँ भी नहीं ...

Saturday 28 February 2009

दो साये

अब ना वो मैं हूँ ना तू है ना वो माज़ी है “फ़राज़”
जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें ...

Sunday 15 February 2009

सिर्फ मेरे

तुम बहुत साल रह लिए अपने
अब मेरे, सिर्फ मेरे हो के रहो ...