Tuesday 13 October 2009

अजीब किस्सा

दिल और की तलब में, क़दम और की तरफ़
अपनी मुहब्बतों का भी किस्सा अजीब था…

Wednesday 11 March 2009

गुनहगार

ज़िंदगी क्या है, गुनाह-ए-आदम
ज़िंदगी है तो गुनहगार हूँ मैं ...

Tuesday 10 March 2009

यूँ भी नहीं

'फ़राज़' अब कोई सौदा कोई जुनून भी नहीं
मगर क़रार से दिन कट रहे हों यूँ भी नहीं ...

Saturday 28 February 2009

दो साये

अब ना वो मैं हूँ ना तू है ना वो माज़ी है “फ़राज़”
जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें ...

Sunday 15 February 2009

सिर्फ मेरे

तुम बहुत साल रह लिए अपने
अब मेरे, सिर्फ मेरे हो के रहो ...

Saturday 14 February 2009

हम ना होंगे

मोहब्बत करने वाले कम ना होंगे
तेरी महफिल में लेकिन हम ना होंगे ...

Wednesday 11 February 2009

ख़्वाब-ए-सेहर

दुनिया की किसी छाँव से धुँधला नहीं सकता
आँखों में लिए फिरते हैं जो ख़्वाब-ए-सेहर हम ...

Sunday 8 February 2009

याद

तेरी तू जाने, पर ऐ जान-ए-तमन्ना हम तो
साँस के साथ तुझे याद किया करते हैं ...

Thursday 5 February 2009

फ़साना

ऐ दोस्त झूठ आम था दुनिया में इस क़दर
तू ने भी सच कहा तो फ़साना लगा मुझे ...

Wednesday 4 February 2009

सिलवटें

सिलवटें हैं मेरे चेहरे पे तो हैरत क्यूँ है
के ज़िन्दगी ने मुझे तुमसे कुछ ज्यादा पहना ...

Monday 2 February 2009

ताक़त-ए-परवाज़

दिल से जो बात निकलती है असर रखती है
पर नहीं ताक़त--परवाज़ मगर रखती है ...

Saturday 31 January 2009

अश्कों के सितारे

तमन्नाओं के बहलावे में अक्सर आ ही जाते हैं
कभी हम चोट खाते हैं कभी हम मुस्कुराते हैं

हम अक्सर दोस्तों की बेवफ़ाई सह तो लेते हैं
मगर हम जानते हैं दिल हमारे टूट जाते हैं

किसी के साथ जब बीते हुए लम्हों की याद आयी
थकी आँखों में अश्कों के सितारे झिलमिलाते हैं ...

Friday 30 January 2009

एहसान

दुख दर्द दिए और तड़पने की अदा दी
हम पर तो किसी शख्स के एहसान बहुत हैं ...

Wednesday 28 January 2009

कैसे हैं

जिनसे हम छूट गए, वो जहां कैसे हैं
वो मकीं कैसे हैं, शीशे के मकां कैसे हैं ...

Tuesday 27 January 2009

अनमोल

मैं एक आँसू ही सही, हूँ मगर अनमोल फ़राज़
यूँ ना पलकों से गिरा कर मुझे मिट्टी में मिला ...

Friday 23 January 2009

और भी हैं

एहले दिल और भी हैं एहले वफ़ा और भी हैं
एक हम ही नहीं, दुनिया से खफ़ा और भी हैं ...

Wednesday 21 January 2009

नज़र

ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है
क्यों देखें जिंदगी को किसी की नज़र से हम ...

कुछ भी नहीं

सोचा नहीं अच्छा बुरा, देखा सुना कुछ भी नहीं
माँगा खुदा से रात दिन, तेरे सिवा कुछ भी नहीं ...

Sunday 18 January 2009

हद

जिस की ख़ातिर सारी हदें तोड़ दीं फ़राज़
आज उसी ने कह दिया, ज़रा हद में रहा करो ...

Friday 16 January 2009

मसरूफ़ियत

नहीं फुर्सत यकीं मानो हमें कुछ और करने की
तेरी यादें, तेरी बातें, बहुत मसरूफ़ रखती हैं ...

Thursday 15 January 2009

शर्त

इस शर्त पे खेलूँगी पिया प्यार की ये बाज़ी
जीतूँ तो तुझे पाऊँ, हारी तो पिया तेरी ...

Wednesday 14 January 2009

हम और आप

बिन आपके जीने के गुनहगार हम हैं पर
मेरे बिना जीने के पशेमाँ नहीं हैं आप ...

Tuesday 13 January 2009

परेशां

अपनी हालत का तो एहसास ही नहीं मुझ को
मैं ने औरों से सुना है के परेशां हूँ मैं ...

Monday 12 January 2009

कश्मकश

कश्मकशों का दौर कुछ ऐसा चला, ऐ दोस्त
सुलझाते रहे मसाइल, ज़िन्दगी उलझ गई ...


कस्में वादे प्यार वफ़ा सब
लफ्ज़ों के सिवा कुछ भी तो नहीं ...

Sunday 11 January 2009

मुकम्मिल

अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दो
मैं सदियों से अधूरा हूँ मुकम्मिल कर दो ...

Saturday 10 January 2009

मेरी ख़ातिर

मैं दूसरों के लिए जला दिया बनके
मेरी ख़ातिर मेरी तकदीर में कुछ था ही नहीं ...

Friday 9 January 2009

तल्खियां

तल्खियां कैसे न हों अशार में
हम पे जो गुजरी है, हम को याद सब ...

इन्तहा

कोई पूछे बदनसीबी की है इन्तहा भी कोई
तो मेरी मिसाल देना, तो मुझे नमूना करना ...

Wednesday 7 January 2009

चाहत

हमें ये गुमान के चाहा हमें ज़माने ने
अज़ीज़ सब को थे मगर ज़रूरतों की तरह ...

सितारों तुम तो सो जाओ

तुम्हें क्या, आज भी कोई अगर मिलने नहीं आया
ये बाज़ी हम ने हारी है, सितारों तुम तो सो जाओ

हँसो और हँसते हँसते डूब जाओ खलाओं में
हमीं पर रात भारी है, सितारों तुम तो सो जाओ

हमें भी नींद आ जायेगी, हम भी सो ही जायेंगे
अभी कुछ बेकरारी है, सितारों तुम तो सो जाओ ...

Tuesday 6 January 2009

आदाब

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक दोस्त है कच्चा पक्का सा
जज़्बात को धाम्पे एक परदा
बस एक बहाना अच्छा सा
जीवन का ऐसा साथी है
जो दूर बहुत है पास नहीं
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं.....